Saturday 27th July 2024

छत्तीसगढ़ राज्य अधिवक्ता परिषद के नये भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री दीपक गुप्ता ने किया

Jul 15th, 2018 3:17 pm | By | Category: SPECIAL NEWS COVERAGE

CG Raman Singh
(THE NEWSMAN OF INDIA.COM)
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि न्याय पालिका लोकतंत्र का अत्यंत मजबूत आधार स्तम्भ हैं। सरकार इसे और भी अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री आज राज्य के संभागीय मुख्यालय बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय परिसर में राज्य अधिवक्ता परिषद के नवनिर्मित कार्यालय भवन के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता के साथ इस भवन का लोकार्पण किया।

डॉ. रमन सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा के शुभ अवसर पर अधिवक्ता परिषद के इस नवीन भवन का लोकार्पण हम सबके लिए गौरव का क्षण है। मुख्यमंत्री ने नये भवन के कार्यालय में फर्नीचर और अन्य जरूरी वस्तुओं के लिए 30 लाख रूपए का स्वेच्छानुदान स्वीकृत करने की घोषणा की। डॉ. सिंह ने कहा कि बहुत जल्द छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में ई-लाईब्रेरी की भी सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश के अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के लिए वहां अधिवक्ता अकादमी की भी स्थापना की जाएगी। उन्होंने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी से आग्रह किया कि प्रस्तावित अधिवक्ता अकादमी का स्वरूप कैसा हो, इस बारे में वह सरकार को अपने सुझाव दें, ताकि उन सुझावों के अनुरूप अकादमी की स्थापना की जा सके। डॉ. रमन सिंह ने कहा-नये वकीलों को अपने कैरियर के शुरूआती दौर में कई व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार ने उनकी इन दिक्कतों को महसूस करते हुए उनके लिए स्टायफंड की भी व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ताओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को बीमा के रूप में तीन लाख रूपए की सहायता देने का प्रावधान भी जल्द किया जाएगा। डॉ. सिंह ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय भवन और परिसर की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाली से परिपूर्ण यह परिसर काफी आकर्षक है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में न्यायपालिका के काम-काज के सुचारू संचालन के लिए दी जा रही सुविधाओं का भी उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने कहा-राज्य निर्माण के समय वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ में सिर्फ 102 न्यायिक अधिकारी थे, जिनकी संख्या आज की स्थिति में बढ़कर 450 हो चुकी है। इस अवधि में राज्य में न्यायिक सेवाओं का बजट 16 करोड़ 50 लाख रूपए से बढ़कर 536 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या दो से बढ़कर 22 हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री दीपक गुप्ता ने समारोह में कहा कि बेंच और बार न्यायपालिका रूपी रथ के दो पहिए हैं। न्यायिक सेवाओं का लाभ जनता को दिलाने के लिए दोनों पहियों का साथ चलना जरूरी है। श्री गुप्ता ने कहा-भारतीय संविधान का पालन सुनिश्चित करना सरकार और न्यायालय दोनों का उद्देश्य होता है। उन्होंने कहा-जब मैं यहां छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश था, उन दिनों मुझे सभी लोगों से भरपूर सहयोग मिला। श्री गुप्ता ने छत्तीसगढ़ को अपने परिवार की तरह बताते हुए कहा कि जब भी मुझे यहां से कोई आमंत्रण मिलता है, मैं उसे एक आत्मीय आदेश मानकर चला आता हूं। समारोह को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी ने अधिवक्ता परिषद के नये भवन के लोकार्पण पर खुशी प्रकट करते हुए सभी अधिवक्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा-छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध है, वैसा देश के अन्य उच्च न्यायालयों में कम देखने को मिलता है। श्री त्रिपाठी ने कहा-मुझे प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह प्रदेश के परिवार के मुखिया के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल ने परिषद का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समारोह में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति श्री प्रशांत मिश्रा सहित अनेक न्यायाधीश, महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा, विधि और विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव रविशंकर शर्मा भी मौजूद थे।

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