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राज्यपाल कोहली ने किया राज्य निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ

Feb 15th, 2017 1:56 pm | By | Category: SPECIAL NEWS COVERAGE
कलेक्टर उज्जैन को निर्वाचन आयोग भोपाल में महामहिम राज्यपाल श्री ओम् प्रकाश कोहली जी से तीन प्रथम पुरस्कार प्राप्त करते हुए  l

कलेक्टर उज्जैन को निर्वाचन आयोग भोपाल में महामहिम राज्यपाल श्री ओम् प्रकाश कोहली जी से तीन प्रथम पुरस्कार प्राप्त करते हुए l

भोपाल : बुधवार, फरवरी 15, 2017, 16:33 IST
हम सब मिलकर ऐसे प्रयास करें कि आचार संहिता सिर्फ किताब में लिखी इबारत न हो, बल्कि सभी के व्यवहार में शामिल हो तथा मतदाताओं को महसूस भी हो। राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली ने यह बात मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के 23वें स्थापना दिवस समारोह में कही।

राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि आयोग का काम सिर्फ मतदान करवाना नहीं है। इसमें आने वाली किसी भी अड़चन को वैधानिक तरीकों से दूर करना भी है। उन्होंने कहा कि हमने लोकतंत्र को एक जीवन मूल्य के रूप में आत्मसात किया है। इस व्यवस्था में जन-भावनाएँ मत पत्र के माध्यम से अभिव्यक्त होती हैं।

यह हुए पुरस्कृत
राज्यपाल कोहली ने फोटोयुक्त मतदाता-सूची में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने कलेक्टर उज्जैन, छतरपुर, शाजापुर, बालाघाट, ग्वालियर, देवास, शिवपुरी, मंडला, छिन्दवाड़ा, सागर, दमोह, खण्डवा, टीकमगढ़, रायसेन, अशोकनगर, सिंगरौली और अनूपपुर को सम्मानित किया। श्री कोहली ने उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान की सुश्री ईशा शास्त्री, श्री अक्षित देवांश और एफएलआईयूके श्री प्रदर्श जौहरी, श्री अदवै वंदोपाध्याय, सुश्री रिमशा जफर और सुश्री अदिति नायक को भी सम्मानित किया।
यह हुए पुरस्कृत

राज्यपाल कोहली ने फोटोयुक्त मतदाता-सूची में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने कलेक्टर उज्जैन, छतरपुर, शाजापुर, बालाघाट, ग्वालियर, देवास, शिवपुरी, मंडला, छिन्दवाड़ा, सागर, दमोह, खण्डवा, टीकमगढ़, रायसेन, अशोकनगर, सिंगरौली और अनूपपुर को सम्मानित किया। श्री कोहली ने उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान की सुश्री ईशा शास्त्री, श्री अक्षित देवांश और एफएलआईयूके श्री प्रदर्श जौहरी, श्री अदवै वंदोपाध्याय, सुश्री रिमशा जफर और सुश्री अदिति नायक को भी सम्मानित किया।

कोहली ने बताया कि जनतांत्रिक व्यवस्थाओं का उल्लेख वैदिक काल में भी मिलता है। ऋग्वेद में गाँव के मुखिया को ‘ग्रामीण’ कहा जाता था। गौतम बुद्ध ने आनन्द से कहा था कि जब तक गाँव के पाँच लोग मिलकर हित-अहित पर विचार करते रहेंगे तब तक कोई बाल बाँका नहीं कर सकता। महात्मा गाँधी ने पंचायतों को सुदृढ़ करने पर जोर दिया। श्री कोहली ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों की सराहना की।

राज्यपाल ने आयोग में ‘परिवर्तनों एवं कीर्तिमानों की श्रंखला’ शिलालेख का लोकार्पण किया। इसी विषय पर बनी फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। श्री कोहली ने आयोग की कॉफी टेबल बुक एवं न्यायालयीन निर्णयों के संकलन का विमोचन और जी.आई.एस. पोर्टल एवं मोबाइल एप का शुभारंभ भी किया।

टेक्नालॉजी का उपयोग इफीशियंसी और ट्रांसपेरेंसी के लिये

राज्य निर्वाचन आयुक्त आर. परशुराम ने कहा है कि आयोग में नवीनतम टेक्नालॉजी का उपयोग इफीशियंसी बढ़ाने और ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने के लिये किया है। उन्होंने बताया कि निकाय चुनावों में 93 प्रतिशत तक मतदान हुआ है। श्री परशुराम ने कहा कि पुराने आयुक्तों ने 20 वर्ष में जो ठोस नींव रखी थी, उसी को हमने आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल आयोग में पहली बार 12 जनवरी 1995 को, दूसरी बार 1997 को और अब तीसरी बार अब आये हैं।

सचिव श्रीमती सुनीता त्रिपाठी ने आयोग द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी। आयोग के पहले आयुक्त श्री न.ब. लोहनी ने आयोग की स्थापना और पंचायतों एवं नगरीय निकायों के पहले आम निर्वाचन संबंधी प्रक्रियाओं की जानकारी दी। पूर्व आयुक्त जी.एस. शुक्ला ने बताया कि मेरे कार्यकाल में निर्वाचित प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का नियम बना। पूर्व आयुक्त अजीत रायजादा ने बताया कि आयोग का ‘लोगो” बनवाया।

इस दौरान डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ल एवं अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक एवं सेवानिवृत्त अधिकारी उपस्थित थे।

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