व्यापम का बदला ! 270 सवाल की लिस्ट लेकर पूछताछ की गयी!
Oct 15th, 2015 5:39 pm | By ThenewsmanofIndia.com | Category: SPECIAL NEWS COVERAGEबारह साल बाद याद आई विधानसभा की नियुक्तियों की! 270 सवाल की लिस्ट लेकर पूछताछ की गयी!
विधानसभा सचिवालय में नियम विरुद्ध नियुक्तियों के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपना पक्ष रखने के लिए गुरुवार को पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे थे। उनके साथ उनके सैकड़ों समर्थकों के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव जी व पूर्व अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी मौजूद रहे। इस दौरान पुलिस और दिग्विजय के समर्थकों के बीच कई बार झड़प हुई। वहीं, पांच घंटे पांच मिनिट चली पूछताछ के बाद जैसे ही दिग्विजय बाहर आए उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
करीब ढाई सौ से ज्यादा सवालों को लेकर बैठे जांच अधिकारी सीएसपी सलीम खान ने कई प्रति प्रश्न भी किए जिनका सिंह और उनके वकील अजय गुप्ता सीनियर ने जवाब दिया। सुबह ठीक 10 बजकर 55 मिनिट पर सिंह, सीएसपी सलीम खान के पुलिस कंट्रोल स्थित ऑफिस में पहुंच गए थे। तमाम सवालों के जवाब देने के बाद वे शाम 04.00 बजे ऑफिस से बाहर आए। दिग्विजय के अंदर जाने से बाहर आने तक पूरे समय दिग्विजय सिंह जिंदाबाद के नारे लगते रहे। इस दौरान उनके सुपुत्र जयवर्द्धन सिंह भी वहीं मौजूद रहे।
पूरे प्रदेश में चलाएंगे जेल भरो आंदोलन
दिग्विजय के साथ पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि, अगर राजा साहब की गिरफ्तारी हुई, तो कांग्रेस पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन चलाएगी। वहीं, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया जी ने कहा कि बदले की भावना से दिग्विजय सिंह पर कार्रवाई की जा रही है। हमारी पार्टी, सिंह के साथ है।
बैरिकेड्स लगाकर मीडिया को कंट्रोल रूम के बाहर रोका हंगामे के आसार को देखते हुए दिग्विजय सिंह के पहुंचने से पहले ही पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा चुके थे। इसके मद्देनजर एसपी,एएसपी, सीएसपी और पांच टीआई समेत 150 से अधिक पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया है। कवरेज के लिए पहुंची मीडिया को बेरिकेड्स लगाकर कंट्रोल रूम से काफी दूर रोक दिया गया था।
बयान दर्ज कराने के लिए मांगा था समय
दिग्विजय सिंह जी ने बयान दर्ज कराने के लिए 11 अक्टूबर के बाद की तारीख मांगी थी। लेकिन, पुलिस ने 25 सितंबर को दिग्विजय सिंह जी को नोटिस जारी किया था। जिसमें उन्हें 30 सितंबर को बयान दर्ज कराने को कहा गया था। 29 सितंबर को उनके वकील अजय गुप्ता जी ने आवेदन देकर बेटी के इलाज के लिए सिंह के अमेरिका में होने का जिक्र किया था और 11 अक्टूबर के बाद की कोई तारीख देने का अनुरोध किया था।
राज्य सरकार से यह मेरी लड़ाई है
बयान दर्ज कराने भोपाल पहुंचे सिंह ने बुधवार को कहा था कि राज्य सरकार से उनकी लड़ाई व्यक्तिगत है। पार्टी में किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। मैं बयान दर्ज कराने जाऊंगा, जिसे आना है आए। दिग्विजय जी ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान विधानसभा में कोई भी भर्ती अनियमित नहीं हुई। उनके फैसले में पूरी कैबिनेट की सहमति थी। यदि फैसला गलत था तो उस वक्त मुख्य सचिव से लेकर सचिव ने क्यों नहीं बताया?